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एक विधवा स्त्री कैसे हो गयी गर्भवति, क्या ये भी विधि का विधान था?

एक विधवा बहू ने अपनी सास को बताया कि वह तीन माह के गर्भ से है इतना सुनते ही पूरे परिवार में हंगामा मच गया, समाज में भूचाल आ गया लोगो ने पंचायत जुटाई और उस…

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जाति जनगणना क्यों जरूरी है और इसके परिणाम क्या होंगे?

अगर जातिगत जनगणना हो जाती है तो यह पता चल जाएगा की किस 6000 जातियों में से किस जात की कितनी संख्या है,और उसको उस अनुपात में सभी सरकारी, निजी, कृत्रिम और प्राकृतिक…

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बहुजनों को भूत, भाग्य, भगवान के पचड़े से बाहर निकलना ही होगा

भूत, प्रेत, चुड़ैल की अगर हम बात करें तो ये सब सिर्फ शब्द हैं जो हम बचपन से सुनते आए हैं। इनका वास्तव में कोई अस्तित्व नहीं होता। इनके बारे में ऐसा बताया जाता…

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एक कसाई और हजारों मुर्गियों की कहानी जो प्रेरणा का सबक देती हैं

एक कसाई था। उसके मुर्गीपालन का व्यवसाय था। बाड़े में हजारों मुर्गियां थी। बाड़े के गेट पर ही वो मुर्गियों को काटकर बेचा करता था। इधर-उधर भागती मुर्गियां उसको…

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क्यों बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर जी ने कहा था नारी राष्ट्र की निर्मात्री है?

बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर जी ने संविधान में लिखा कि किसी भी महिला को सिर्फ महिला होने की वजह से किसी अवसर से वंचित नहीं रखा जाएगा और ना ही उसके साथ लिंग…

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सवर्ण आरक्षण : न्यायप्रिय भारत का एक सबसे बड़ा कलंक

आज भारत में विपक्षी खेमें में मोटे तौर पर इस बात पर सहमति है कि भाजपा सरकार चरणबद्ध तरीके से संवैधानिक संस्थाओं और मूल्यों को ख़त्म कर रही है।  इसका ताजा…

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कैसे शिक्षा का स्तर ही किसी देश व समाज की प्रगति का मूल स्तम्भ है?

जिस समाज में जैसे व्यक्ति होंगे वैसा ही वहाँ के समाज का निर्माण होगा। किसी देश या समाज का उत्थान या पतन इस बात पर निर्भर करता है कि उस देश व समाज के नागरिक…

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शहीद ए आजम भगत सिंह – वैचारकी का बहुजन पक्ष

भगत सिंह की वैचारिक यात्रा उनके दो लेखों ‘अछूत समस्या’ (जून 1928)  तथा ‘मैं नास्तिक क्यों हूं’ (अक्टूबर 1931) के उल्लेख के बिना अधूरी मानी जाएगी। उस समय…

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गोदी मीडिया बनाम ओबीसी पत्रकारिता

अक्सर  पत्रकारिता के बारे में  लोगों की यह  धारणा होती है कि पत्रकार जो बोलता है सही बोलते हैं जो लिखता है वह सही लिखता है।  लेकिन आजकल की पत्रकारिता और साहित्य…

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जुल्मी जातियों की आर्थिक, धार्मिक व राजनीतिक शक्ति को मजबूत कौन कर रहा हैं?

देश में आए दिन दलितों पर जुल्मी सवर्ण जातियों द्वारा हर क्षेत्र में तरह तरह के अन्यान्य अत्याचार हो रहे हैं।  ऐसी घटनाओं के समय दलित समाज में आक्रोश फूटता…

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रोचक तथ्य

स्वर्ग की मिट्टी, एक अद्भुत कहानी

एक पापी इन्सान मरते वक्त बहुत दुख और पीड़ा भोग रहा था। लोग वहाँ काफी संख्या मेँ इक्ट्ठे हो गये, वहीँ पर एक महापुरूष आ गये, पास खड़े लोगोँ ने महापुरूष से पूछा…

3rd Mar 2022

बामसेफ में अंदर आने और बाहर निकलने तक का सफर

भूली-बिसरी यादें, 1982 दिसंबर महीने में,  मैं सरकारी काम से ITI नैनी इलाहाबाद गया हुआ था।  एक दिन नैनी से इलाहाबाद बस से जाते समय अचानक देखा कि,…

26th Mar 2022

Ambedkar Jayanti 2022: अंबेडकरवाद: दुनिया बदलने की ताकत है जानिए कैसे?

आज जिसे देखो वही कहता नजर आता है कि मैं अंबेडकरवादी हूं लेकिन क्या यह पता है कि अंबेडकरवाद क्या है।  किसी किसी को शायद यह बड़ी मुश्किल में पता होगा कि…

14th Apr 2022