caste census

जाति जनगणना क्यों जरूरी है और इसके परिणाम क्या होंगे?

By Ritu Bhiva May 21, 2022 01:48 0 comments

अगर जातिगत जनगणना हो जाती है तो यह पता चल जाएगा की किस 6000 जातियों में से किस जात की कितनी संख्या है,और उसको उस अनुपात में सभी सरकारी, निजी, कृत्रिम और प्राकृतिक साधन संस्थान पर प्रतिनिधित्व भागीदारी आरक्षण द्वारा सुनिश्चित किया जा सके, ताकि सभी जातियों की बेरोजगारी गरीबी दूर की जा सके।

जातिगत जनगणना से यह जानकारी मिल जायेगी की कौन सी जात कितनी पढ़ी लिखी है और कौन से जात में कितने अनपढ़ है ताकि उन जातियों को विशेष रूप से एजुकेशन लेने के लिए प्रेरित किया जाय और उनकी अशिक्षा दूर की जा सके, उनकी शिक्षा के लिए अगल से बजट बनाया जा सके।

जातिगत जनगणना से OBC की सही आबादी मालुम हो जायेगी ताकि बार-बार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बैठे ब्राह्मण यह न बोल सके की हमें ओबीसी की सही आबादी नहीं मालुम है, इसलिए उनको रिजर्वेशन कितना दिया जाय यह हम नहीं कह सकते।

जातिगत जनगणना से तह भी पता चल जाएगा की किस जातियों में कितने IAS IPS IRS IFS कितने टीचर कितने लेक्चरर कितने vice चांसलर है और कितने झाड़ू खाते में है कितने टेम्परेरी है कितने परमानेंट जॉब वाले है ताकि सारी असलियत सामने आ जाए की कौन सी जात का कब्ज्जा कहा है और कौन सी जात कहा कहा से गायब है।

जातिगत जनगणना से सबसे ज्यादा फायदा 52% से जयादा आबादी वाले ओबीसी को होगा क्योकि संख्या मालूम होने पर ही वो उसी अनुपात में भारत के बजट में अपनी भागीदारी माग पायेगा, मतलब अगर 20 लाख करोड़ का बजट है तो उसके हिस्से में 11 लाख करोड़ रुपये आयेंगे। 

जातिगत जनगणना से यह भी पता चल जाएगा की कौन सी जातियों में महिलाए ज्यादा है और कौन सी जातियों में महिलाए कम है, किस जात में बूढ़े ज्यादा है किस जात में बच्चे ज्यादा है ताकि उस हिसाब से कन्या भ्रूण ह्त्या, उन जातियों के बच्चो का कुपोषण रोका जा सके। 

जातिगत जनगणना में यह भी पता चल जाएगा की किस जात के पास पक्का मकान है और किस जात के लोग फुटपाथ पर सोकर जीवन बिता रहे है ताकि गरीब और पिछड़ी जातियों को पक्के मकानों का बंदोबस्त किया जा सके। 

जातिगत जनगणना में यह भी पता चल जाएगा की किस जात के पास कितनी खेती है कितनी प्रोपर्टी है और कौन सी जात भुखमरी से मर रही है ताकि उन जातियों की दशा सुधारने के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जा सके। 

जातिगत जनगणना से सभी जातियों की आर्थिक सामाजिक भौगोलिक स्तिथि का सही आकलन हो पायेगा। 

जातिगत जनगणना भारत में समानता स्थापित कर सभी लोगो को उनकी सभी कृतिम, प्राकृतिक और भौगोलिक संपदाओ में बराबर की भागीदारी सुनिश्चित कर भारत के सभी जातियों का विकास कर भारत को एक उन्नत राष्ट बनाएगा।

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