रोचक तथ्य
Latest from Interesting Factsबहुजनों को भूत, भाग्य, भगवान के पचड़े से बाहर निकलना ही होगा
भूत, प्रेत, चुड़ैल की अगर हम बात करें तो ये सब सिर्फ शब्द हैं जो हम बचपन से सुनते आए हैं। इनका वास्तव में कोई अस्तित्व नहीं होता। इनके बारे में ऐसा बताया जाता…
Read MoreAmbedkar Jayanti 2022: जानें डॉ. आम्बेडकर के बारे में कुछ रोचक तथ्य
भारत रत्न से सम्मानित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को एक विश्वस्तरीय विधिवेत्ता, भारतीय संविधान के निर्माता यानि चीफ आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन और करोड़ों…
Read Moreडॉ. आंबेडकर ने भारत में महिलाओं के लिए क्या-क्या काम किए हैं?
बाबा साहब 20वीं शताब्दी में पहले वो व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत में ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को खुली चुनौती दी थी। "मैं किसी समाज की तरक्की…
Read Moreमंडल आयोग का मसिहा कौन और दुश्मन कौन?
मंडल आयोग का मसिहा कौन और दुश्मन कौन? ब्राह्मण भक्त OBC को जानकारी हैं क्या? भारत की राजनीति समझना है, तो ये आर्टिकल जरूर पढ़ें। 1977 में जनता पार्टी की सरकार…
Read Moreकबीर और रैदास के राम, दशरथपुत्र राम नहीं हैं
राम भारतीय भूभाग में मानवता को जोड़ने का सूत्र कब रहे ये तो राम ही जाने या फिर रामभक्त जानें। किसी भी वर्गविभक्त समाज में शोषितवर्ग की अपनी कोई संस्कृति…
Read Moreक्या शॉल ओढाने या भेट करने की परंपरा मनुवादी हिन्दू परंपरा है?
तथागत बुद्ध ने कहा "पुक्कुस दुशाले में से एक मुझे ओढा दे और एक आनंद को"। तथागत बुद्ध के इन वचनों की याद फिर आई, जब अहमदाबाद महानगर में मौर्य समाज भवन में …
Read Moreक्या मानव शरीर में आत्मा होती है, अगर हाँ तो ये शरीर से निकलती ही क्यों हैं?
आध्यात्मिक लोग कहते है कि मानव शरीर के अन्दर एक आत्मा होती है जो शरीर को संचालित करती है! इनका यह भी कहना है कि आत्मा अजर-अमर होती है और उसके निकलते ही मानव…
Read Moreभारत में जाति व्यवस्था की वर्तमान स्थिति
भारत को आज़ाद हुये लगभग 74 वर्ष हो चुके हैं। इन 74 वर्षों में जाति वयवस्था कमज़ोर तो हुई है, लेकिन पूरी तरह खत्म नही हुई है। इस बात को इन उदाहरणों से समझा जा…
Read Moreरोचक तथ्य
क्यो वाल्मीकि समाज अभी भी बहुत पीछे हैं?
आज के इस आधुनिक काल में समाज का हर तबका आगे बढ़ रहा है, किन्तु बाल्मीकि समाज अभी बहुत पीछे है। इसका मुख्य कारण बाल्मीकि युवाओं की मनोदशाएं विपरीत होना…
19th Mar 2022भेड़िया तो भेड़िया ही है, और भेड़ तो बस भेड़ हैं
बहुत समय पहले की बात है, एक चरवाहा था जिसके पास 10 भेड़े थीं। वह रोज उन्हें चराने ले जाता और शाम को बाड़े में डाल देता। सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक सुबह…
16th Mar 2022बहुजन समाज के तीन कप्तान, दलित पिछड़ा और मुसलमान
हमारी विचाराधारा एक है, तो हमारी पार्टी भी एक ही है। इसलिए हमारे सर्वमान्य नेता के सन्दर्भ में कोई संशय नहीं होना चाहिए। राजनीतिक दल के प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव…
31st Jul 2022