समीक्षा
Latest from Reviewरोचक तथ्य
नारियल फोड़ने की कुप्रथा क्यों और कब से?
नारियल फोड़ने की प्रथा का इतिहास बेहद बर्बर है। पुष्यमित्र शुंग ने बौद्धों का सिर काट कर लाने वाले के लिए 100 स्वर्ण मुद्रा का इनाम रखा था। परिणामस्वरूप बौद्धों…
2nd Mar 2022भेड़िया तो भेड़िया ही है, और भेड़ तो बस भेड़ हैं
बहुत समय पहले की बात है, एक चरवाहा था जिसके पास 10 भेड़े थीं। वह रोज उन्हें चराने ले जाता और शाम को बाड़े में डाल देता। सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक सुबह…
16th Mar 2022'धम्मपद' एक अनुपम श्रेष्ठ ग्रंथ
धम्म प्रभात 'धम्मपद' बुद्ध वचन है। इसमें गाथाएं मात्र है। धम्मपद बुद्ध धम्म का ही नहीं, बल्कि संपूर्ण श्रमण संस्कृति का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। 'धम्मपद'…
25th Feb 2022