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Latest articles from all categories'धम्मपद' एक अनुपम श्रेष्ठ ग्रंथ
धम्म प्रभात 'धम्मपद' बुद्ध वचन है। इसमें गाथाएं मात्र है। धम्मपद बुद्ध धम्म का ही नहीं, बल्कि संपूर्ण श्रमण संस्कृति का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। 'धम्मपद'…
Read Moreगॉंधी व आंबेडकर में विवाद और गांधी से असहमति
असल में गॉंधी और डॉ. आंबेडकर दो विपरीत ध्रुवों के व्यक्ति थे, बल्कि दो अलग-अलग परम्पराओं और विचारधराओं के व्यक्ति भी थे। गॉंधी की विचारधारा वैदिक परम्परा की…
Read Moreयूपी चुनाव मैदान में मायावती का खौफ
मायावती की खामोशी के असल मायने क्या हैं? क्या यह खामोशी रणनीतिक है? यूपी चुनाव के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, मायावती के पत्ते धीरे-धीरे खुल रहे…
Read Moreकांग्रेस की गलती और BJP द्वारा सुधार
नेहरू जी की सरकार ने रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए आजीवन पेंशन का प्रावधान किया।पेंशनधारी अटल जी के समर्थन में आए, और अटल जी की सरकार ने पेंशन समाप्त कर दी क्योंकि…
Read Moreभाजपा बनाम बसपा’ है उत्तर प्रदेश विधानसभा आमचुनाव 2022
बसपा के इतिहास को देखते हुए जातिवादी मीडिया, तथाकथित बुद्धिजीवी वर्गों और सत्तारूढ़ भाजपा ने जिस तरह से बसपा के खिलाफ कथानक तैयार किया है, जिस तरह से इलेक्ट्रॉनिक…
Read Moreमाता भीमाबाई सकपाल के जीवन के कुछ खास लम्हे
माता भीमाबाई सकपाल जन्म 14 फरवरी 1854 को हुआ था। माता भीमाबाई के पिता सुबेदार मेजर धर्मा मुरबाड़कर थाने जिले के मुरबाड़ नामक स्थान के रहने वाले थे। उनका…
Read Moreमाता रमा को डॉ. भीम राव अम्बेडकर का बेहद ही भावुक करने वाला पत्र
रमा! कैसी हो रमा तुम?तुम्हारी और यशवंत की आज मुझे बहुत याद आई। तुम्हारी यादों से मन बहुत ही उदास हो गया। यहां के अखबारों में मेरे प्रभावी भाषण काफी चर्चा में…
Read Moreमाता रमाई का त्याग व संघर्ष
बाबासाहब डॉ अम्बेडकर जब पीएचडी करके भारत लौट रहे थे तब मुंबई में उनके कार्यकर्ताओ ने उनका सत्कार करने का आयोजन किया और यह बात जब माता रमाई को मालूम हुई तो…
Read Moreशौर्य दिवस के बारे में डॉक्टर अंबेडकर के विचार
पेशवा की राजधानी पूना में जब गांव में कोई सवर्ण हिंदू आम रास्ते से जा रहा हो तो किसी अछूत को उस रास्ते से जाना वर्जित था।अछूत को अपनी कलाई या अपने गले में…
Read Moreधम्म ध्वज की स्थापना व विश्व बौद्ध ध्वज का महत्व
बौद्ध जगत में 8 जनवरी 1880 का दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसी दिन ”धम्म ध्वज” की स्थापना हुई थी। यह धम्म ध्वज सम्पूर्ण विश्व को शांति प्रगति मानवतावाद…
Read Moreरोचक तथ्य
लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार एक दिल दहला देने वाला मंजर
लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार 1 दिसम्बंर1997 की दिन था, उत्तर भारत की हड्डी गला देने वाली ठ़ड पड रही थी, रोज कि तरह मल्लाह अपनी जीविका के लिये सोन नदी के किनारे…
17th Mar 2022भारत में 1950 से पहले और बाद में नारियों की स्थिति पर एक नज़र
भारत में आज नारी 18 वर्ष की आयु के बाद ही बालिग़ अर्थात विवाह योग्य मानी जाती है। परंतु मशहूर अमेरिकन इतिहासकार कैथरीन मायो (Katherine Mayo) ने अपनी बहुचर्चित…
23rd Jun 2022गोदी मीडिया बनाम ओबीसी पत्रकारिता
अक्सर पत्रकारिता के बारे में लोगों की यह धारणा होती है कि पत्रकार जो बोलता है सही बोलते हैं जो लिखता है वह सही लिखता है। लेकिन आजकल की पत्रकारिता और साहित्य…
16th Apr 2022