अम्बेडकर सरनेम बाबासाहब को किसी ब्राह्मण ने नहीं तो आखिर किसने दिया?
By Site Admin September 19, 2022 08:56 1 commentsअगर अम्बेडकर सरनेम किसी ब्राह्मण ने बाबा साहब को नहीं दिया था तो आखिर किसने दिया? जानिये इस लेख के माध्यम से। मुझे सन 1950 से पहले के कुछ दस्तावेज चाहिए थे इसीलिए मैं 07 सितम्बर 2022 को मेरे परदादा आनंदराव और भीमराव याने विश्वरत्न बोधिसत्व बाबासाहेब डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर जिस स्कूल में पढ़े, वहाँ गया। वहाँ जा कर पता चला की डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर जी के स्कूल रेकोर्ड से अब तक उनका स्कूल लीविंग सर्टिफ़िकेट (स्कूल छोड़ने का दाख़िला) बना ही नहीं है।
मैंने स्कूल के मुख्याध्यापक जी से पूछा की अब तक क़िसी ने बाबासाहब का दाख़िला कैसे नहीं बनवाया, किसी ने अब तक माँग की नहीं?
मुख्याध्यापक महोदय जी ने बताया, की बाबासाहब का दाख़िला माँगने के लिए कई RTI application लगाई गई, कई मंत्रियों ने बाबासाहब का दाख़िला माँगा, लेकिन जब तक परिवार के किसी व्यक्ति से, जब तक माँग नहीं होती, तब तक हम दाख़िला नहीं बना सकते थे। आप पहले सदस्य है जिन्होंने बाबासाहब के दाख़िले की माँग की है।
आज 118 साल बाद बाबासाहब का स्कूल लीविंग सर्टिफ़िकेट बनवाया है, आप सब के जानकारी के लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ। विशेष बात पता चली, बाबासाहेब से 5 साल पहले "आनंद" राव जी का दाख़िला सन 1885 में हुआ और उनका नाम रजिस्टर में "आनंदा रामजी अम्बेडकर" दर्ज किया है। जिसकी कॉपी मुझे जल्द उपलब्ध होगी।
इसका अर्थ जानते हो? "अम्बेडकर" सरनेम किसी ब्राह्मण ने बाबासाहब को नहीं दिया, अगर दिया होता तो पाँच साल पहले "आनंद" के आगे "अम्बेडकर" नाम नहीं लिखा होता। ब्राह्मण अम्बेडकर गुरुजी का अस्तित्व उतना ही सत्य है जितना मोर्या काल में चाणक्य का है। "अम्बेडकर" सरनेम किसी ब्राह्मण की देन नहीं बल्कि बाबासाहब और आनंदराव जी के पिताजी "सुभेदार मेजर रामजी अम्बेडकर" की देन है।
- माननीय राजरत्न आंबेडकर जी की फेसबुक वाल से
1 Comments so far
Jump into a conversationआपका आर्टिकल उतना हि सत्य है जितना चाँद पर एलियन। असत्य अधूरा अल्पज्ञान
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