Ambedkarism

Ambedkar Jayanti 2022: अंबेडकरवाद: दुनिया बदलने की ताकत है जानिए कैसे?

By Ritu Bhiva April 14, 2022 12:07 0 comments

आज जिसे देखो वही कहता नजर आता है कि मैं अंबेडकरवादी हूं लेकिन क्या यह पता है कि अंबेडकरवाद क्या है।  किसी किसी को शायद यह बड़ी मुश्किल में पता होगा कि अंबेडकरवाद असल में क्या है। अंबेडकरवाद किसी भी धर्म, जाति, रूढ़िवादिता, अंधविश्वास व अज्ञानता किसी भी प्रकार के भेदभाव या रंगभेद को नहीं मानता। अंबेडकरवाद, मानव को मानव से जोड़ने का या मानव को मानवता के लिए बनाने का नाम है। अंबेडकर वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर मानव के उत्थान के लिए किए जा रहे आंदोलन या प्रयासों का नाम है।

एक अंबेडकरवादी होना तभी सार्थक है जब मानव वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाकर  समाज और मानव के हित में कार्य किया जाए। सुनी सुनाई या रूढ़िवादी विचारों को अपनाकर जीवन जीना अंबेडकरवाद नहीं है। आज हर तरफ तथाकथित अंबेडकरवादी पैदा होते जा रहे हैं परंतु अपनी रूढ़िवादी सोच को वो लोग छोड़ने को तैयार ही नहीं है क्या आज तक रूढ़िवादी सोच से किसी मानव या समाज का उद्धार हो पाया है अगर ऐसा होता तो शायद अंबेडकरवाद का जन्म होता ही नहीं।  अंबेडकरवादी कहलाने से पहले, रूढ़िवादी विचारों को छोड़ना आवश्यक है। वैज्ञानिक तथ्यों पर विचार करना पड़ेगा तभी अंबेडकरवादी कहलाया जा सकता है। अंबेडकरवादी दुनिया की सबसे प्रभावशाली और विकशित विचारधारा का नाम है।  दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान अंबेडकरवाद में ना हो।

अंबेडकरवाद के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तत्वों की निम्नलिखित है :

1. रूढ़िवादी, शोषित, अमानवीय, अवैज्ञानिक, अन्याय एवं असमान्य सामाजिक व्यवस्था से दुःखी मानवो की इसी जन्म में आंदोलन द्वारा मुक्ति प्रदान कर समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व एवं न्याय के आदर्श समाज में मानव और मानवीय जैसे स्त्री-पुरुष समानता के बीच सही संबंध स्थापित करने वाली न्यायिक क्रांतिकारी मानव वादी विचारधारा को अंबेडकरवाद कहते हैं।

2. जाति-वर्ग, छूत-अछूत, ऊंच-नीच, स्त्री-पुरुष, शैक्षिक व्यवस्था, रंगभेद की व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाकर एक न्यायुक्त, समान्तयुक्त, भेदभाव मुफ्त, शैक्षिक,  वैज्ञानिक तर्कसंगत एवं मानववादी सामाजिक व्यवस्था बनाने वाले तत्वज्ञान को  अंबेडकरवाद कहते हैं जिससे मानव को इसी जन्म में रूढ़िवादी जंजीरों से मुक्त किया जा सके।

3. व्यक्ति विकास के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने की दृष्टि से समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्यायिक इन लोकतंत्र निष्ठा मानवीय मूल्यों को आधारभूत मानकर संपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन लाने वाले दर्शन तत्वज्ञान को अंबेडकरवाद कहते हैं।

4. उच्च एवं निम्न, छूत- अछूत आधारित गौर बरबरी वाली व्यवस्था को बदलकर समानता पूर्ण मानववादी व्यवस्था में बदलने वाले विचारधारा अंबेडकरवाद है। ऐसी व्यवस्था में सबको विकास एवं समान संधी मिलती है साधारण परिभाषा इस प्रकार भी ले सकते हैं व्यवस्था व्यवस्था है गैर बराबरी वाली व्यवस्था को बदल कर समतायुक्त मानवतावादी व्यवस्था की निर्मिति करना अंबेडकरवाद है अंबेडकरवाद पर मानव मुक्ति का विचार है। यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण है, इंसानियत का नाता ही अंबेडकरवाद  है। मानव गरिमा (Human Dignity) के लिए चलाया गया आंदोलन ही अंबेडकरवाद है मानव को इसी जन्म में कल्याण करने वाली विचारधारा अंबेडकरवाद है मानव कल्याण का मार्ग ही अंबेडकरवाद है जीवन जीने का मार्ग देने वाली विचारधारा अंबेडकरवाद  है।  

5. शारीरिक, मानसिक, आत्मिक और सामाजिक उत्थान और आर्थिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक बदलाव को अंबेडकरवाद कहा जा सकता है।

6. अंबेडकरवाद  एक ऐसा विचार एवं आंदोलन है जो अन्याय और शोषण के खिलाफ है और उसकी जगह एक मानवतावादी वैकल्पिक व्यवस्था बनाता है। यह संपूर्ण वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है, अंबेडकरवाद केवल यह विचार का दर्शन ही नहीं है बल्कि यह सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक जीवन में बदलाव लाने का एक संपूर्ण आंदोलन है।

7. अंबेडकरवाद एक ऐसी विचारधारा है जो हमें मानवतावाद की ओर ले जाती है। व्यवस्था के गुलाम लोगों को गुलामी से मुक्त कर मानवतावाद स्थापित करना ही अंबेडकरवाद है।

अंबेडकरवादी कहने वाले लोग कृपया ध्यान दें कि मैं अंबेडकरवादी केवल इतना कहने से कुछ नहीं होने वाला, अंबेडकरवाद के रंग में खुद को सराबोर करना पड़ेगा और अंबेडकर जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी जब हम उनकी कही गई बातों पर अमल करें और बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों पर हम चले, इसी से हमारी आपकी हम सबकी जिंदगी और बेहतरीन बन सकती है।

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