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Ambedkar Jayanti 2022: अगर डॉ. अम्बेडकर संविधान सभा मे न होते तो?

ये तो सब जानते हैं, अगर डॉ. अंबेडकर ना होते तो आज दलितों का अधिकार नहीं होता। बाबा साहब ने अपना पूरा जीवन, दलितों के अधिकार, समाज की कुरुतियों और दलितों के…

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Ambedkar Jayanti 2022: अंबेडकरवाद: दुनिया बदलने की ताकत है जानिए कैसे?

आज जिसे देखो वही कहता नजर आता है कि मैं अंबेडकरवादी हूं लेकिन क्या यह पता है कि अंबेडकरवाद क्या है।  किसी किसी को शायद यह बड़ी मुश्किल में पता होगा कि…

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Ambedkar Jayanti 2022: डॉ. आंबेडकर ने धम्म दीक्षा भूमि नागपुर ही क्यों चुना?

अगर हम धम्म दिक्षा भुमी की बात करें तो धम्म दिक्षा भुमी भारत में बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र है। यह भारत में रहने वाले सभी लोगों को अच्छे से पता होगा यही…

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Ambedkar Jayanti 2022: जानिए हम जय भीम क्यों कहते हैं?

बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर के साथ भावनात्मक संबंध रखने वाले लोग एक दूसरे से मिलते वक्त जयभीम कहते हैं। डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर का मूल नाम भीमराव रामजी आंबेडकर…

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भारत के 110 करोड़ लोग हिन्दू नहीं है

आजकल हिन्दू हिन्दू हिन्दू हिन्दू, आप जिधर देखो उधर हिन्दू या हिन्दुस्थान  यही नाम नजर आता है।  खासकर ये जातिवादी पार्टियों कि एक बड़ी पहचान है। मगर…

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कानून के तहत आर्टिकल 13 और आर्टिकल 14 क्या है?

आर्टिकल 13 के अनुसार साविधान लागू होने की दिनांक से  पहले जितने भी धार्मिक ग्रन्थ,  विधि कानून जो विषमता पर आधारित थे उन्हें  "शून्य घोषित किया…

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शूद्र नाम पर प्रश्न और उसकी वास्तविकता

बहुत से बुजदिल लोगो के दिमाग मे यह प्रश्न उठता है,  कि किसी की दी हुई गाली,  शूद्र पर हम गर्व क्यों करे?  साथियो, मेरा दृणविश्वास है कि नाम से नहीं,  बुरे…

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महमूद गजनवी एक मसीहा था: एक नजरिया ये भी!

महमूद गजनवी (Mahmud Ghaznavi) का ज़हूर एक ऐसे समुद्री तूफ़ान की तरह था,  जो अपनी राह में मौजूद हर मौज को अपनी आगोश में ले लेती है,  वह ऐसा फतेह था, …

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जानिए कैसे अंबेडकरवाद को खत्म करने का षणयंत्र चल रहा है?

आज पूरे देश में अंबेडकरवाद को खत्म करने का जाने-अनजाने में षणयंत्र चल रहा हैं।  सन् 2000 के शुरुवात में  मान्यवर कांशीराम जी के मिशन के जरिए, …

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आस्था और विश्वास एक मानसिक बीमारी

एक किसान का बछड़ा मर गया,  गाय ने दूध देना बंद कर दिया,  किसान ने मरे हुए बछड़े के अंदर भूषा भरकर उसे खड़ा कर दिया,  गाय जीवित बछड़ा समझकर उसके…

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रोचक तथ्य

सवर्ण आरक्षण : न्यायप्रिय भारत का एक सबसे बड़ा कलंक

आज भारत में विपक्षी खेमें में मोटे तौर पर इस बात पर सहमति है कि भाजपा सरकार चरणबद्ध तरीके से संवैधानिक संस्थाओं और मूल्यों को ख़त्म कर रही है।  इसका ताजा…

12th May 2022

कांशीराम जी‌ की सोच एक अवसरवादी नेता

माननीय कांशीराम की नीति, नियम, रणनीति एवं नियत में फर्क के कारण अवसरवाद का जन्म हुआ, अवसरवादी सोच के लोग अंबेडकरवादी कैसे हो सकते हैं। यह चिंतन का विषय है।…

14th Aug 2022

अंग्रेज भारत के समस्त शूद्रों के लिए कैसे भाग्यविधाता साबित हुए

जब अंग्रेजों ने रेलवे लाईन पूरे देश में बिछाना शुरू किया तो ब्राह्मणों ने हिन्दू समाज को भड़काकर उसका जबरदस्त विरोध किया था। यह कहकर कि, अंग्रेज धरती माता…

20th Mar 2022