चर्चित लेख
Latest from Trending Articlesबामसेफ में अंदर आने और बाहर निकलने तक का सफर
भूली-बिसरी यादें, 1982 दिसंबर महीने में, मैं सरकारी काम से ITI नैनी इलाहाबाद गया हुआ था। एक दिन नैनी से इलाहाबाद बस से जाते समय अचानक देखा कि,…
Read Moreजौनपुर के बदलापुर में दलितों पर पुलिसिया कहर
जौनपुर के बदलापुर में दलितों पर पुलिसिया कहर घटना सामने आई हैं। 4-5 महिलाओं को कपड़ा उतारकर बेहरमी से पीटा, बदलापुर पुलिस के कारनामों से पीडि़त…
Read Moreसब्ज़ी और फल बेचने वालों के ठेले क्यों गायब हो गये
पिछले काफी समय से देख रहा हूँ, हमारे मोहल्ले में सब्ज़ी और फल बेचने वालों के ठेले गायब हो गये हैं, इक्का-दुक्का ही दिखते हैं, सब्ज़ी-फल की…
Read Moreहोली एक असुर महिला को जिन्दा जलाने का जश्न
बाबासाहेब डा. आंबेडकर ने अपनी पुस्तक "फिलोसोफी ऑफ हिन्दुइज्म" में एक जगह लिखा है, "आज के हिंदू सबसे प्रबल विरोधी मार्क्सवाद के हैं। और इसलिए हैं, क्योंकि…
Read Moreबहुजन बामन सर्वजन दर्शन: दुष्प्रचार और यथार्थ
पिछले कुछ दिनों से मैं देख-सुन रहा हूँ। कि कुछ धूर्त "सर्वजनवादी" लोग अपने कुतर्क को सत्य साबित करने लिए तथागत सम्यकसंबुद्ध के "मूल बहुजन…
Read Moreआगरा में डा.भीमराव अम्बेडकर का ऐतिहासिक भाषण
आगरा में बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर का ऐतिहासिक भाषण आगरा जो कि 18 मार्च 1956 को बाबासाहेब ने समाज के जिम्मेदार लोगों से अपने भाषण में अपील की, उसके अंस…
Read Moreअंग्रेज भारत के समस्त शूद्रों के लिए कैसे भाग्यविधाता साबित हुए
जब अंग्रेजों ने रेलवे लाईन पूरे देश में बिछाना शुरू किया तो ब्राह्मणों ने हिन्दू समाज को भड़काकर उसका जबरदस्त विरोध किया था। यह कहकर कि, अंग्रेज धरती माता…
Read Moreमहमूद गजनवी के आक्रमण में देश के बेईमानो का सबसे बड़ा हाथ
हजार साल पहले महमूद गजनवी ने दो बातें सिद्ध की पहली बात यह कि इस देश के मंदिरों में भगवान नहीं, बेईमान बैठे हैं और दूसर इस देश के बड़े-बड़े दुर्गों में राजा…
Read Moreक्यो वाल्मीकि समाज अभी भी बहुत पीछे हैं?
आज के इस आधुनिक काल में समाज का हर तबका आगे बढ़ रहा है, किन्तु बाल्मीकि समाज अभी बहुत पीछे है। इसका मुख्य कारण बाल्मीकि युवाओं की मनोदशाएं विपरीत होना…
Read Moreलक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार एक दिल दहला देने वाला मंजर
लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार 1 दिसम्बंर1997 की दिन था, उत्तर भारत की हड्डी गला देने वाली ठ़ड पड रही थी, रोज कि तरह मल्लाह अपनी जीविका के लिये सोन नदी के किनारे…
Read Moreरोचक तथ्य
कैसे शिक्षा का स्तर ही किसी देश व समाज की प्रगति का मूल स्तम्भ है?
जिस समाज में जैसे व्यक्ति होंगे वैसा ही वहाँ के समाज का निर्माण होगा। किसी देश या समाज का उत्थान या पतन इस बात पर निर्भर करता है कि उस देश व समाज के नागरिक…
30th Apr 2022स्वर्ग की मिट्टी, एक अद्भुत कहानी
एक पापी इन्सान मरते वक्त बहुत दुख और पीड़ा भोग रहा था। लोग वहाँ काफी संख्या मेँ इक्ट्ठे हो गये, वहीँ पर एक महापुरूष आ गये, पास खड़े लोगोँ ने महापुरूष से पूछा…
3rd Mar 2022अंग्रेज भारत के समस्त शूद्रों के लिए कैसे भाग्यविधाता साबित हुए
जब अंग्रेजों ने रेलवे लाईन पूरे देश में बिछाना शुरू किया तो ब्राह्मणों ने हिन्दू समाज को भड़काकर उसका जबरदस्त विरोध किया था। यह कहकर कि, अंग्रेज धरती माता…
20th Mar 2022