इतिहास
Latest from Historyक्षत्रिय, राजपूत और ठाकुर अपने नाम के अंत में सिंह क्यों लिखते हैं?
भारतवर्ष में अनेक जातियां और वर्ण देखने को मिलते हैं। पूरे देश को इन्ही वर्णो और जातियों में बांटा गया हैं। इन सब को पहचानने के लिए सबने नाम के सर नेम को…
Read Moreबसपा पार्टी का निर्माण किस विचारधारा से किया गया था?
बहुजन नायक मान्यवर कांशीराम साहेब ने अल्पजन की विचारधारा से नहीं सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय की विचारधारा के तहत बसपा का किया है निर्माण। मान्यवर कांशीराम जब…
Read Moreभारत के इतिहास का सच्चा रहस्य, आखिर छुपाया क्यों गया!
सारी दुनिया को भारत का इतिहास (Indian History) पता है अगर कोई भारतीय विदेशियों को अपना इतिहास बताता है तो सभी विदेशी बहुत हंसते है मजाक बनाते है। सारी दुनिया…
Read Moreडॉ अंबेडकर का महाड़ चावदार तालाब सत्याग्रह
महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को जब डांडी यात्रा शुरू की थी, तब अंग्रेज उनपर हंस रहे थे, क्योंकि नमक कानून के खिलाफ सत्याग्रह करना भी कोई लड़ाई हुई? लेकिन…
Read More20 मार्च 1927 को बाबा साहब ने महड़ चावदार तालाब में पानी पीकर दी चुनौती
दो घूट पानी पीकर बाबा साहब ने दी जातिवाद को सबसे बड़ी चुन्नौती, "20 मार्च 1927 को सामाजिक क्रांति के अग्रदूत बाबा साहब डॉ अंबेडकर जी ने शोषित समाज में मान-सम्मान,…
Read Moreबाबू जगजीवन राम की ऐसी जानकारी जो आपने कभी नहीं सुनी होगी
देश का सबसे बड़ा दलित नेता, जिसने इंदिरा गाँधी को 1977 को चुनाव हरवा दिया था। बाबू जगजीवन राम देश के सबसे बड़े दलित नेता जो देश की आज़ादी के साथ ही दलित राजनीति…
Read Moreकौन है दीनाभाना वाल्मीकि जिन्होंने कांशीराम साहब को बहुजन नायक बना दिया
जयपुर, राजस्थान में 28 फरवरी 1928 को जन्मे बामसेफ के संस्थापक सदस्य मा० दीना भाना जी इन्होने बामसेफ संस्थापक अध्यक्ष मान्यवर कांशीराम साहब को बाबासाहब के विचारो…
Read Moreदेश के पहले दलित राष्ट्रपति डॉ० के०आर० नारायणन का जीवन संघर्ष
राष्ट्रपति डॉ० के०आर० नारायणन देश के पहले दलित राष्ट्रपति थे। उनका सम्पूर्ण जीवन संघर्ष से भरा हुआ था। वे केरल के एक गांव में फूस की झोपड़ी में 1920 में…
Read Moreसन्त गाडगे बाबा का जीवन परिचय एवं उनके कार्य
सन्त गाडगे बाबा लोकसेवा, स्वच्छता के प्रतीक,बुद्ध की विचारधारा के प्रबल समर्थक,पाखण्ड एवं मूर्ति पूजा के विरोधी, मनुवादियों के कट्टर विरोधी, शिक्षा के प्रचारक…
Read MoreBATA कंपनी की कहानी जिसे एक चमार जाति के युवक ने शुरू की
कहानी TATA की नही, ना ही किसी BIRLA या BAJAJ की. कहानी है BATA की, हर भारतीयों को लगता है BATA भारतीय कंपनी है लेकिन कभी एहसास ही नही हुआ की BATA विदेशी…
Read Moreरोचक तथ्य
भंगी से वाल्मीकि क्यों? आखिर किस कारण ये बदलाव किए गए?
बात तब की हैं जब रिपोर्ट ब्रिटिश प्रधान मंत्री को 1930 में होने वाली Round Table Conference के लिए सौंपनी थी।अछूतों की हमदर्दी का नाटक हिन्दूवादी शक्तियां…
6th Feb 2022गोदी मीडिया बनाम ओबीसी पत्रकारिता
अक्सर पत्रकारिता के बारे में लोगों की यह धारणा होती है कि पत्रकार जो बोलता है सही बोलते हैं जो लिखता है वह सही लिखता है। लेकिन आजकल की पत्रकारिता और साहित्य…
16th Apr 2022भारत के 110 करोड़ लोग हिन्दू नहीं है
आजकल हिन्दू हिन्दू हिन्दू हिन्दू, आप जिधर देखो उधर हिन्दू या हिन्दुस्थान यही नाम नजर आता है। खासकर ये जातिवादी पार्टियों कि एक बड़ी पहचान है। मगर…
1st Apr 2022