इतिहास
Latest from Historyमाता भीमाबाई सकपाल के जीवन के कुछ खास लम्हे
माता भीमाबाई सकपाल जन्म 14 फरवरी 1854 को हुआ था। माता भीमाबाई के पिता सुबेदार मेजर धर्मा मुरबाड़कर थाने जिले के मुरबाड़ नामक स्थान के रहने वाले थे। उनका…
Read Moreमाता रमा को डॉ. भीम राव अम्बेडकर का बेहद ही भावुक करने वाला पत्र
रमा! कैसी हो रमा तुम?तुम्हारी और यशवंत की आज मुझे बहुत याद आई। तुम्हारी यादों से मन बहुत ही उदास हो गया। यहां के अखबारों में मेरे प्रभावी भाषण काफी चर्चा में…
Read Moreमाता रमाई का त्याग व संघर्ष
बाबासाहब डॉ अम्बेडकर जब पीएचडी करके भारत लौट रहे थे तब मुंबई में उनके कार्यकर्ताओ ने उनका सत्कार करने का आयोजन किया और यह बात जब माता रमाई को मालूम हुई तो…
Read Moreशौर्य दिवस के बारे में डॉक्टर अंबेडकर के विचार
पेशवा की राजधानी पूना में जब गांव में कोई सवर्ण हिंदू आम रास्ते से जा रहा हो तो किसी अछूत को उस रास्ते से जाना वर्जित था।अछूत को अपनी कलाई या अपने गले में…
Read Moreइतिहास के पन्नों में गुम पहली मुस्लिम शिक्षिका फातिमा शेख
भारत का पहला कन्या स्कूल खोलने में फ़ातिमा शेख़ ने माता सावित्रीबाई फुले की मदद की थी लेकिन फ़ातिमा शेख़ आज गुमनाम हैं और उनके नाम का उल्लेख कम ही मिलता है।फ़ातिमा…
Read Moreसंतराम बी.ए. के बारे में आप क्या जानते हैं ?
संतराम बी. ए. के चिंतन पर आने से पहले उनके व्यक्त्वि और कृतित्व के सम्बन्ध में जानना उचित होगा। संतराम बी. ए. का जन्म 14 फरवरी,1887 को बसी नामक गांव होशियारपुर,…
Read Moreडॉ. आंबेडकर वकील थे तो भगत सिंह का केस क्यों नहीं लड़े?
डॉ. आंबेडकर वकील थे तो भगत सिंह का केस क्यों नहीं लड़े? यह सवाल व्यंग, नफरत या आक्रोश अथवा जिज्ञासावश में पूछा जा सकता है। सवाल प्रथम दृष्टया उचित लगता…
Read MoreRPI का 6 दिसम्बर 1956 के बाद से 1978 तक का इतिहास
आरपीआई ( RPI ) का 6 दिसम्बर 1956 के बाद से 1978 तक का इतिहास हर अम्बेडकरवादी को जानना चाहिए, जिस पर राजनीतिक इतिहासकारों ने धूल फांकने का कार्य किया,क्योंकि…
Read Moreएक दैत्य अथवा महान उदार द्रविड़ शासक महिषासुर
एक दैत्य अथवा महान उदार द्रविड़ शासक, जिसने अपने लोगों की लुटेरे-हत्यारे आर्यो से रक्षा की। महिषासुर ( Mahishasura ) ऐसे व्यक्तित्व का नाम है, जो सहज ही अपनी…
Read Moreरोचक तथ्य
अंधविश्वास पाखंडवाद पर एक बुढ़िया और उसकी बहू पर एक जबरदस्त लेख
एक समय की बात हैं एक गांव में एक बुढ़िया अपने बेटे और बहू के साथ रहती थी। वह कुछ ऊंचा सुनती थी। उसके बेटे की शादी हुये तीन-चार साल हो चुके थे। कोई बच्चा नहीं…
21st Sep 2022बहुजन समाज पार्टी की हरियाणा प्रदेश की पिछले 38 सालों की कारगुजारी
कुछ प्रकांड विद्वान बीएसपी के बारे में ये सोचते हैं कि हम सिर्फ़ बहनजी की वाह-वाई करके ही सरकार बना लेंगे। इसके साथ-साथ बीएसपी के अलावा कोई दूसरा सामाजिक…
25th Oct 2022भारत के विकास में बाधा ये द्रोणाचार्य और उनकी जातिवादी मीडिया
गुरु द्रोणाचार्य ने भविष्यवाणी कर दी कि उनके प्रिय शिष्य अर्जुन जैसा निशानेबाज धनुर्धर दूसरा कोई नहीं होगा। ठीक उसी तरह आधुनिक भारत के द्रोणाचार्यों और उनकी…
11th Jan 2023