विश्व का सबसे अनोखा मुकदमा और में ऐसे मुकदमे हर घर मे होने चाहिए
By Ritu Bhiva March 3, 2022 07:06 0 commentsविश्व का सबसे अनोखा मुकदमा,और में ऐसे मुकदमे हर घर मे होने चाहिए। न्यायालय में एक मुकद्दमा आया, जिसने सभी को झकझोर दिया। अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं। मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था। एक 70 साल के बूढ़े व्यक्ति ने, अपने 80 साल के बूढ़े भाई पर मुकद्दमा किया था। मुकद्दमे का कुछ यूं था कि "मेरा 80 साल का बड़ा भाई, अब बूढ़ा हो चला है, इसलिए वह खुद अपना ख्याल भी ठीक से नहीं रख सकता। मगर मेरे मना करने पर भी वह हमारी 110 साल की मां की देखभाल कर रहा है। मैं अभी ठीक हूं, इसलिए अब मुझे मां की सेवा करने का मौका दिया जाय और मां को मुझे सौंप दिया जाय"।
न्यायाधीश महोदय का दिमाग घूम गया और मुक़दमा भी चर्चा में आ गया। न्यायाधीश महोदय ने दोनों भाइयों को समझाने की कोशिश की कि आप लोग 15-15 दिन रख लो। मगर कोई टस से मस नहीं हुआ, बड़े भाई का कहना था कि मैं अपने स्वर्ग को खुद से दूर क्यों होने दूँ। अगर मां कह दे कि उसको मेरे पास कोई परेशानी है या मैं उसकी देखभाल ठीक से नहीं करता, तो अवश्य छोटे भाई को दे दो। छोटा भाई कहता कि पिछले 40 साल से अकेले ये सेवा किये जा रहा है, आखिर मैं अपना कर्तव्य कब पूरा करूँगा।
परेशान न्यायाधीश महोदय ने सभी प्रयास कर लिये, मगर कोई हल नहीं निकला। आखिर उन्होंने मां की राय जानने के लिए उसको बुलवाया और पूंछा कि वह किसके साथ रहना चाहती है। मां कुल 30 किलो की बेहद कमजोर सी औरत थी और बड़ी मुश्किल से व्हील चेयर पर आई थी। उसने दुखी दिल से कहा कि मेरे लिए दोनों संतान बराबर हैं। मैं किसी एक के पक्ष में फैसला सुनाकर, दूसरे का दिल नहीं दुखा सकती। आप न्यायाधीश हैं, निर्णय करना आपका काम है। जो आपका निर्णय होगा मैं उसको ही मान लूंगी।
आखिर न्यायाधीश महोदय ने भारी मन से निर्णय दिया कि न्यायालय छोटे भाई की भावनाओं से सहमत है। कि बड़ा भाई वाकई बूढ़ा और कमजोर है। ऐसे में मां की सेवा की जिम्मेदारी छोटे भाई को दी जाती है। फैसला सुनकर बड़ा भाई जोर जोर से रोने लगा कि इस बुढापे ने मेरे स्वर्ग को मुझसे छीन लिया। अदालत में मौजूद न्यायाधीश समेत सभी रोने लगे। कहने का तात्पर्य यह है कि अगर भाई बहनों में वाद विवाद हो, तो इस स्तर का हो।
ये क्या बात है कि 'माँ तेरी है' की लड़ाई हो, और पता चले कि माता पिता ओल्ड एज होम में रह रहे हैं यह पाप है। हमें इस मुकदमे से ये सबक लेना ही चाहिए कि माता -पिता का दिल दुखाना नही चाहिए।।
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