बहुजन समाज पार्टी कैसे और किन कारणों से चुनाव हारी?
By Ritu Bhiva March 17, 2022 05:58 0 commentsबहुजन समाज पार्टी बात 2 फरवरी 2022 की है। जब बहनजी ने अपनी पहली रैली आगरा से शुरू की थी, तो काफी जनसैलाब उमड़ा था, जब रैली समाप्त हुई तो उसके दूसरे दिन देश के गृहमंत्री जी का बयान आया कि बहनजी को सर्दी लगती है, इसलिए बाहर नहीं निकलती है, इसी बयान के साथ बहनजी की पहली रैली को देखकर भाजपाई समझ चुके थे, कि बहनजी आ रही हैं, तो मनुवादी भाजपा जान चुकी थी कि पूरा देश हमारे EVM मशीन में किसी और पार्टी को वोट डालने पर वोट कमल को जाता है, (बिहार चुनाव) तभी भाजपाई मनुवादी लोगों ने सोचा कि क्यों न इस बार सत्ता प्राप्त करने के लिए ऐसा खेल खेले कि विरोधी पार्टियाँ और जनता समझ न पाये कि भाजपा इस बार चुनाव कैसे जीत रहीं हैं, इसलिए इन लोगों ने अबकी बार EVM के अंदर वोट स्थानांतरण का सिस्टम बना दिया, कि जो वोट बसपा को जाना है वो वोट भाजपा में आये और जो वोट भाजपा को जाना है वो वोट बसपा को जाए।,
इसलिए प्रदेश की जनता की गलती देना बिल्कुल गलत है क्योंकि इस बार हरेक वर्ग भाजपा से परेशान था, तो उसने बसपा को पूरे जोर शोर से वोट दिया है, और जो सीटें सपा को मिली है, वो उसकी मेहनत का परिणाम है, क्योंकि मनुवादी भाजपा ने अपने ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या जी को तक हराया है, और पंजाब में केजरीवाल जी को जिताया है।, ये जातिवादी चेहरा है, कि कोई दलित समाज का व्यक्ति सत्ता में नहीं आना चाहिए, उदाहरण के तौर पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (ब्राह्मण) पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (दलित) केजरीवाल (बनिया) उदाहरणों की कमी नहीं है।
समाज के उन लोगों से 6 सवाल है जो कहते हैं बसपा खत्म हो गई है।
(1) अगर बसपा को 1 ब्राह्मण खत्म करने के लिए लगा है तो आप 85 किस काम के लिए हैं?
(2) अगर बसपा ब्राह्मणों की वज़ह से एक ही सीट जीत पायी है, लेकिन आपके साथ तो कोई ब्राह्मण नहीं था, फिर आप क्यों अपनी एक भी सीट बचा पाये?
(3) अगर बसपा खत्म हो गई है, तो आप कौन से बसपा हितैषी रहें हैं, जो आज उस पर सवाल कर रहे हैं, आप का भी तो Mission बसपा को खत्म करना था, इसलिए आप दिखावे की राजनीति क्यों खेल रहे हैं?
(4) आप कहते हो कि हमारा Mission समाज को संगठित करना है, तो कौन सा आप समाज को संगठित कर रहे हैं, आप तो नयी नयी पार्टियाँ और संगठन बनाकर समाज को क्यों तोड़ने का काम कर रहे हैं?
(5) अगर आप सच मे एक अम्बेडकरवादी विचारधारा को को आगे बढ़ाना चाहते हैं, बाबा साहब जी के Mission को पूरा करना चाहते हैं, तो क्यों नहीं बाबा साहब जी के बनाये संगठनों में शामिल नहीं होते हैं, क्यों अपनों राजनीति चमकाने के लिए नयी नयी पार्टियों का निर्माण करते हैं?
(6) अगर बात विरोध की है तो देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस भी तो खत्म है, आपने उसके न जितने पर कितना उसका विरोध किया है?
आज यहां कोई बसपा नहीं हारी हैं, बल्कि आपकी अनेकता के कारण अम्बेडकरवादी विचारधारा हारी हुई है, और मनुवादी विचारधारा जीती है, इसलिए बहुजन समाज के सभी नेताओं से मेरी अपील है कि आप को आज संगठित होने की जरूरत है, और देश से मनुवादी विचारधारा को खत्म करना है, किसी का भी इन्तजार मत करिए सर्वप्रथम आप इस काम को करें, और बात रहीं हैं बसपा खत्म होने की तो ये असंभव है, ये मनुवादी अच्छे से जानते हैं कि कांग्रेस को खत्म सिर्फ बसपा ने किया है, इसलिए बसपा का अस्तित्व मिटाने के लिए इन्होंने बस एक सीट दिखाई है
नोट बहुजन समाज के नेताओं विचारधारा से अगर सोचेंगे तो आपको सारा खेल समझ में आ जायेगा। अभी वक़्त है बहुजन समाज के नेताओं एक हो जाओ, क्योंकि जब तक EVM है तब तक बहुजन समाज शासक नहीं बन सकता है।, उदाहरण 2014 से पहले भाजपा को देख लीजिये क्या दशा थी? इसलिए सारे मतभेद भुलाकर EVM के खिलाफ International Court जाइये और बंद करवायें अगर संविधान और बहुजन समाज को गुलाम होने से बचाना है।
लेखक: ई. संदीप भगत
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