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Latest articles from all categoriesअंग्रेज भारत के समस्त शूद्रों के लिए कैसे भाग्यविधाता साबित हुए
जब अंग्रेजों ने रेलवे लाईन पूरे देश में बिछाना शुरू किया तो ब्राह्मणों ने हिन्दू समाज को भड़काकर उसका जबरदस्त विरोध किया था। यह कहकर कि, अंग्रेज धरती माता…
Read Moreमहमूद गजनवी के आक्रमण में देश के बेईमानो का सबसे बड़ा हाथ
हजार साल पहले महमूद गजनवी ने दो बातें सिद्ध की पहली बात यह कि इस देश के मंदिरों में भगवान नहीं, बेईमान बैठे हैं और दूसर इस देश के बड़े-बड़े दुर्गों में राजा…
Read Moreक्यो वाल्मीकि समाज अभी भी बहुत पीछे हैं?
आज के इस आधुनिक काल में समाज का हर तबका आगे बढ़ रहा है, किन्तु बाल्मीकि समाज अभी बहुत पीछे है। इसका मुख्य कारण बाल्मीकि युवाओं की मनोदशाएं विपरीत होना…
Read Moreलक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार एक दिल दहला देने वाला मंजर
लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार 1 दिसम्बंर1997 की दिन था, उत्तर भारत की हड्डी गला देने वाली ठ़ड पड रही थी, रोज कि तरह मल्लाह अपनी जीविका के लिये सोन नदी के किनारे…
Read Moreबाबा साहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर के अनमोल विचार
भीमराव रामजी आम्बेडकर, डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आन्दोलन…
Read Moreबहुजन समाज पार्टी कैसे और किन कारणों से चुनाव हारी?
बहुजन समाज पार्टी बात 2 फरवरी 2022 की है। जब बहनजी ने अपनी पहली रैली आगरा से शुरू की थी, तो काफी जनसैलाब उमड़ा था, जब रैली समाप्त हुई तो उसके दूसरे दिन देश…
Read Moreकश्मीर फाइल्स ही क्यों जबकि दलित फाइल्स पूरे देश मे
आजकल बॉलीवुड फिल्म कश्मीर फाइल्स की चर्चा हो रही है जिसमें कथित तौर पर कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार हुआ था जिसके चलते उन्हें वहां से पलायन करना पड़ा था।…
Read Moreकश्मीर फाइल्स के नाम पर बनी फ़िल्म और जमीनी हकीकत
कश्मीर फाइल्स के नाम पर बनी फिल्म आजकल चर्चाओं में है। मेरे आज तक यह समझ नहीं आया कि कोई बिना संघर्ष के कैसे अपनी विरासत छोड़कर भाग सकता है। किसानों की जमीनों…
Read Moreअछूतों के प्रतिनिधि स्वामी अछूतानन्द का जीवन परिचय
यह पेंसिल स्कैच 'अछूतानंद स्वामी जी' का बनाया है। जिन्होंने बाबासाहेब डॉ0 आंबेडकर को लंदन की गोलमेज सम्मेलन में दलितों के लिए अलग प्रतिनिधित्व के लिए…
Read Moreभेड़िया तो भेड़िया ही है, और भेड़ तो बस भेड़ हैं
बहुत समय पहले की बात है, एक चरवाहा था जिसके पास 10 भेड़े थीं। वह रोज उन्हें चराने ले जाता और शाम को बाड़े में डाल देता। सब कुछ ठीक चल रहा था कि एक सुबह…
Read Moreरोचक तथ्य
भारत के विकास में बाधा ये द्रोणाचार्य और उनकी जातिवादी मीडिया
गुरु द्रोणाचार्य ने भविष्यवाणी कर दी कि उनके प्रिय शिष्य अर्जुन जैसा निशानेबाज धनुर्धर दूसरा कोई नहीं होगा। ठीक उसी तरह आधुनिक भारत के द्रोणाचार्यों और उनकी…
11th Jan 2023एक युवा व्यक्ति का सुंदर पौधा - एक कहानी
एक वृद्ध सेवानिवृत्त व्यक्ति के पड़ोस में एक युवक रहता था। वे दोनों ही बाग़वानी का शौक रखते थे और बगीचे में अपने पौधों की देखभाल करते थे। जो युवा था…
12th Feb 2022कांशीराम जी की सोच एक अवसरवादी नेता
माननीय कांशीराम की नीति, नियम, रणनीति एवं नियत में फर्क के कारण अवसरवाद का जन्म हुआ, अवसरवादी सोच के लोग अंबेडकरवादी कैसे हो सकते हैं। यह चिंतन का विषय है।…
14th Aug 2022