कश्मीर फाइल्स ही क्यों जबकि दलित फाइल्स पूरे देश मे
By Ritu Bhiva March 17, 2022 04:35 0 commentsआजकल बॉलीवुड फिल्म कश्मीर फाइल्स की चर्चा हो रही है जिसमें कथित तौर पर कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार हुआ था जिसके चलते उन्हें वहां से पलायन करना पड़ा था। मेरे पास हरियाणा के दलित समाज के पिछले 12 साल में हुए अत्याचार के मामले जिनमे कत्ल, सामूहिक कत्ल, रेप, गैंगरेप, सामाजिक बहिष्कार, जाति के आधार पर किए जाने वाले अपमान की घटनाएं, दलित महिलाओं के साथ छेड़खानी व अन्य दिल दहला देने वाली घटनाओं की फाइल्स है।
सुना है जब दर्शक कश्मीर फाइल्स देखकर रो रहे थे, अगर कोई फिल्मकार हरियाणा में दलितों पर हुए अत्याचार की घटनाओं पर फिल्म बनाये तो हरियाणा का राजनीतिक परिदृश्य बदल जाएगा। सिनेमाघरों में तहलका मच जाएगा जब दर्शकों को दिखाया जाएगा कि कैसे मिर्चपुर में जातिवादी गुंडों की भीड़ ने वाल्मीकि समाज के एक पिता पुत्री को कमरे में बंद कर जिंदा जला दिया था और पूरी दलित बस्ती को आग के हवाले कर दिया था।
जब हिसार के गांव में एक दलित लड़की चीखती चिल्लाती रही तथा जातिवादी गुंडे गैंगरेप कर उसे फिल्माते रहे। पीड़िता के पिता ने इसके बाद आत्महत्या कर ली थी। झज्जर के एक गांव में तथाकथित गोरक्षकों की भीड़ ने मरी गाय की खाल उतारने के आरोप में पांच दलितों की बेहरहमी से पीट पीट कर नृशंस हत्या कर दी थी।
गोहाना में पूरी दलित बस्ती को आग के हवाले कर दिया गया था। एक दलित युवक ने जब कुरुक्षेत्र के पबनावा गांव में लव मैरिज की तो सवर्ण समुदाय ने गुस्से में पूरी दलित बस्ती में आगजनी और तोड़फोड़ कर दी थी। रोहतक के गांव मदीना में दलित परिवार खेत से काम करके वापस लौट रहा था तो जातिवादी गुंडों ने फायरिंग कर दो दलितों को मौत के घाट उतार दिया था।
रोहतक के ही मोखरा गांव में दलित समाज के व्यक्ति के शव का जातिवादी गुंडों ने सार्वजनिक श्मशान घाट में संस्कार नहीं होने दिया था। कैथल में मछली चोरी के आरोप में दो वाल्मीकि युवकों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। न्याय के लिए कैथल के सरकारी अस्पताल में 11 दिन शवों के साथ समाज ने आंदोलन किया था। हिसार के मीरकां गांव में जातिवादी गुंडों ने दलित समाज के युवकों को चोरी के शक में भरी पंचायत में पिटवाया था जिसमें एक दलित युवक की मौके पर ही मौत हो गई थी।
हिसार के गांव भाटला में दलित बच्चों के साथ मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज करने की रंजिश में मुनादी करवाकर दलित समाज का सामाजिक बहिष्कार किया गया जिसके चलते गांव के दलित समाज बर्बादी के कगार पर आ गए हैं। गांव छातर में पहले दलित युवकों को पीटा गया जब एफआईआर दर्ज कराई तो जातिवादी गुंडों ने पंचायत की और दलित समाज का सामाजिक बहिष्कार कर दिया यहां से लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा।
गांव खापड में दलित समाज के नाबालिग बच्चे को चोरी के शक में जातिवादी गुंडों द्वारा सार्वजनिक जगह पर जगह-जगह पीटा गया जब मुकदमा दर्ज कराया तो इन्होंने भी दलित समाज का समाजिक बहिष्कार कर दिया। हरियाणा तथा भारत में जितने भी हिरासत में मोतें होती हैं, उनमे 80 फ़ीसदी दलित समाज के लोग होते हैं। इस पर कौन फिल्म बनाएगा?
भारत में महिलाओं के खिलाफ जितने भी रेप व गैंग रेप की घटनाएं होती हैं उनमें से 75 फ़ीसदी दलित महिलाएं होती हैं। इस पर कौन डॉक्यूमेंट्री बनाएगा?
खाप पंचायत के गुंडों द्वारा सम्मान के नाम पर जितनी हत्या की जाती हैं उसमें से ज्यादातर दलित युवक और युवतियां इन गुंडों का शिकार बनते हैं इसको कोन नोटिस करेगा? भारत के दलित राष्ट्रपति, दलित कैबिनेट मंत्री को हिंदू मंदिरों में नहीं घुसने दिया इस पर भी जरूर एक फिल्म बननी चाहिए।
दलित समाज की छात्राओं के साथ गैंगरेप करने के बाद उन्हें कत्ल कर नहरों के किनारों पर फेंक दिया गया। इस तरह के केस हरियाणा के कई जिलों के गांवों में हुए। अगर इस तरह की घटनाएं इन लोगों के साथ होती तो यह लोग पूरे देश में आंदोलन खड़ा कर देते और अभी तक विशेष कानून और कई फिल्में बन जाती।
दलित अत्याचार के मामलों में समाज की पैरवी करने वाले वकीलों व दलित समाजिक अधिकार कार्यकर्ताओं के ऊपर संगीन धाराओं में मुकदमें दर्ज किए गए तथा उन्हें प्रताड़ित किया गया। उनकी लाइफ स्टोरी पर भी फिल्म बननी चाहिए।
यह तो कुछ फाइल्स है अगर सारी फाइल्स खोल दें तो फिल्मकारों के कैमरे कम पड़ जाएंगे। हमारे समाज के लोग जो यूट्यूब पर चैंनल चला रहे हैं, वह तो इस दिशा में पहल कर सकते हैं।
संकलन: प्रेम चन्द निनावत
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