Ambedkar Jayanti 2022: जानें डॉ. आम्बेडकर के बारे में कुछ रोचक तथ्य
By Ritu Bhiva April 12, 2022 11:21 0 commentsभारत रत्न से सम्मानित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को एक विश्वस्तरीय विधिवेत्ता, भारतीय संविधान के निर्माता यानि चीफ आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन और करोड़ों शोषितों, वंचितों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को सम्माननीय जीवन देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। भीमराव अंबेडकर तीनों गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने वाले गैर कांग्रेसी नेता थे। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू मध्य प्रदेश के एक अस्पृश्य परिवार में हुआ था। एक सर्वे में कोलंबिया यूनिवर्सिटी में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को विश्व का नंबर वन स्कॉलर घोषित किया था। उन्हें भारत में दलित बौद्ध आन्दोलन के पीछे होने का भी श्रेय दिया गया। पचौरी बताते हैं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के बारे में कुछ तथ्य उनकी जन्म तिथि 14 अप्रैल, 1891 उनका जन्म स्थान महू, मध्यप्रदेश था। उनका देहांत 6 दिसंबर 1956 को हुआ था, जब वो सिर्फ 65 साल की उम्र के थे, उनका समाधी स्थल था चैत्य भूमि मुम्बई महाराष्ट्र उनकी जो अन्य नाम भी उनमें से एक था। बाबा साहेब अंबेडकर उनकी राष्ट्रीयता भारतीय थी उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और उनकी माता का नाम भीमाबाई था। उनकी पत्नी का नाम था रमाबाई अंबेडकर। उनका विवाह उनके साथ 1906 में हुआ और उनकी पत्नी का निधन 1935 में हुआ था।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की शैक्षिक डिग्री, मुम्बई विश्वविद्यालय से बीए, कोलंबिया विश्वविद्यालय से एमए, पीएचडी, एलएलबी, लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से एमएससी बीएससी और उनके ग्रैजुएशन बैरिस्टर एट-लॉ । उनको जीवन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वो भी बोधिसत्व 1956, भारतरत्न 1990, पहले कोलंबियन अहेड ऑफ़ थेइर टाइम 2004 में, द ग्रेटेस्ट इंडियन 2012 में । वे जो सामाजिक संगठन का हिस्सा थे, वो था बहिष्कृत हितकारिणी सभा, समता सैनिक दल । बाबा साहेब अंबेडकर अपने माता पिता की चौदहवीं और आखरी संतान थे । उनका वास्तविक नाम अंबावडेकर था, लेकिन उनके शिक्षक महादेव अम्बेडकर जो उन्हें बहुत मानते थे ने स्कूल रिकॉर्ड में उनका नाम अंबावडेकर से अंबेडकर कर दिया।
डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर विदेश जाकर अर्थशास्त्र में डॉक्ट्रेट यानी पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाले पहले भारतीय थे अंबेडकर ही एक मात्र भारतीय हैं जिनकी प्रतिमा लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है। भारतीय तिरंगे में अशोक चक्र को जगह देने का श्रेय भी डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर को जाता है। अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जीत चुके अर्थशास्त्री प्रोफेसर अमर्त्य सेन, डॉक्टर बी आर अंबेडकर को अर्थशास्त्र में अपना पिता मानते थे। मध्य प्रदेश और बिहार के बेहतर विकास के लिए बाबा साहेब ने 50 के दशक में ही विभाजन का प्रस्ताव रखा था और सन 2000 में जाकर ही इनका विभाजन कर छत्तीसगढ़ और झारखंड का गठन किया गया। बाबा साहेब के निजी पुस्तकालय राज गृह में 50,000 से भी अधिक उनकी किताबें थीं और ये विश्व का सबसे बड़ा निजी पुस्तकालय था । बाबा साहेब द्वारा लिखी गई पुस्तक एक वीजा कोलंबिया विश्वविद्यालय में टेक्स्टबुक है। कोलंबिया विश्वविद्यालय ने 2004 में विश्व के शीर्ष 100 विद्वानों को सूची बनाई थी और उसमें पहला नाम डॉक्टर भीमराव अंबेडकर तथा डॉक्टर बाबा साहेब अंबेडकर कुल 64 विषयों में मास्टर थे। वे हिन्दी पालि, संस्कृत, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, मराठी, पर्शियन और गुजराती जैसे 9 भाषाओं के जानकार भी थे। इसके अलावा उन्होंने लगभग 21 साल तक विश्व के सभी धर्मों की तुलनात्मक रूप से पढ़ाई की थी।
बाबा साहेब ने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में आठ वर्ष में समाप्त होने वाली पढ़ाई केवल दो वर्ष 3 महीने में पूरी की थी। इसके लिए उन्होने प्रतिदिन 21-21 घंटे पढ़ाई की थी। बाबा साहेब अंबेडकर का अपने 8,50,000 समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म में दीक्षा लेना विश्व में ऐतिहासिक था क्योंकि यह विश्व का सबसे बड़ा धर्मांतरण था। बाबा साहेब को बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले महान बौद्ध भिक्षु महंत चंद्रमणि ने उन्हें इस युग का आधुनिक बुध कहा था। लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से डॉक्टर और साइंस नामक अनमोल डॉक्ट्रेट पदवी प्राप्त करने वाले बाबा साहेब विश्व के पहले और एकमात्र महापुरुष कई बुद्धिमान छात्रों ने इसके लिए प्रयास किए किंतु वे अब तक सफल नहीं हो सके। विश्व में जिस नेता के ऊपर सबसे अधिक गाने और किताबें लिखी गई है, वह डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर है। गवर्नर लॉर्ड, लिनलिथगो और महात्मा गांधी का मानना था कि बाबासाहेब 500 स्नातकों तथा हजारों विद्वानों से भी अधिक बुद्धिमान है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। इस लेख को आगे भी अपने दोस्तों तथा फैमिली मेंबर में भी शेयर करे, धन्यवाद।
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