प्रेरक कहानियाँ
Latest from Motivational Storiesसंगठन की शक्ति की ताकत को पहचानों
एक वन में बहुत बडा़ अजगर रहता था। वह बहुत अभिमानी और अत्यंत क्रूर था। जब वह अपने बिल से निकलता तो सब जीव उससे डरकर भाग खड़े होते।उसका मुंह इतना विकराल था कि…
Read Moreव्यक्ति वार्तालाप करने योग्य है या नहीं
शास्ता बुद्ध ने भिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए कहा -"भिक्षुओ"तीन कथा-वस्तुएं हैं। कौन-सी तीन? "भिक्षुओ" या तो भूतकाल संबंधी बातचीत हो 'भूतकाल में ऐसा हुआ' या…
Read Moreकोटि सन्थर - जेतवन विहार श्रावस्ती
तथागत के द्वारा दिए गए उपदेशो को तीन भागों में बांट कर संग्रहित किया गया है- सुत्त पिटक, विनय पिटक और अभिधम्म पिटक। उनके प्रमुख शिष्यों ने बुद्ध वाणी अक्षर…
Read More'धम्मपद' एक अनुपम श्रेष्ठ ग्रंथ
धम्म प्रभात 'धम्मपद' बुद्ध वचन है। इसमें गाथाएं मात्र है। धम्मपद बुद्ध धम्म का ही नहीं, बल्कि संपूर्ण श्रमण संस्कृति का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। 'धम्मपद'…
Read Moreएक युवा व्यक्ति का सुंदर पौधा - एक कहानी
एक वृद्ध सेवानिवृत्त व्यक्ति के पड़ोस में एक युवक रहता था। वे दोनों ही बाग़वानी का शौक रखते थे और बगीचे में अपने पौधों की देखभाल करते थे। जो युवा था…
Read Moreदो बार CM रहे कर्पूरी ठाकुर की सादगी के 5 किस्से
प्रधानमंत्री रहते चौधरी चरण सिंह उनके घर गए तो दरवाजे से सिर में चोट लग गई। कहा, "कर्पूरी, इसको जरा ऊंचा करवाओ।" तो कर्पूरी बोले, " जब तक बिहार के गरीबों का…
Read Moreरोचक तथ्य
एक कसाई और हजारों मुर्गियों की कहानी जो प्रेरणा का सबक देती हैं
एक कसाई था। उसके मुर्गीपालन का व्यवसाय था। बाड़े में हजारों मुर्गियां थी। बाड़े के गेट पर ही वो मुर्गियों को काटकर बेचा करता था। इधर-उधर भागती मुर्गियां उसको…
15th May 2022आखिर भारत मे बौद्ध धर्म की आवश्यकता क्यों पड़ी?
भारत में अछूतों को एक स्वतंत्र धर्म की आवश्यकता थी और इसीलिए बौद्ध धर्म को चुना गया हैं। 13 अक्टूबर 1935, येवला, नाशिक में धर्मांतरण की घोषणा के बाद, धर्मांतरण…
11th Mar 2022भारत के 110 करोड़ लोग हिन्दू नहीं है
आजकल हिन्दू हिन्दू हिन्दू हिन्दू, आप जिधर देखो उधर हिन्दू या हिन्दुस्थान यही नाम नजर आता है। खासकर ये जातिवादी पार्टियों कि एक बड़ी पहचान है। मगर…
1st Apr 2022