brahmin abolish the constitution

ब्राम्हण संविधान को समाप्त क्यो करना चाहता है?

By Manoj Bhiva March 3, 2022 04:35 0 comments

ब्राम्हण संविधान को समाप्त क्यो करना चाहता हे। जाने-संविधान के आर्टिकल 340 के अनुसार obc, sc, st हिन्दू नही है। चातुरवर्ण ब्राह्मण धर्म यानि अभी का (हिन्दू धर्म)।  इसका पता ब्राह्मण शास्त्रों से भी चलता है। ब्राह्मण शास्त्र मनुस्मृति के अनुसार चार वर्ण और जातियां इस प्रकार है।

1.  ब्राम्हण एक वर्ण एक जात।
2.  क्षत्रिय एक वर्ण एक जात।
3.  वैश्य एक वर्ण एक जात।
4.  शुद्र एक वर्ण लेकिन 6000 से अधिक टुकड़ो में (जाट, गुर्जर, धोबी, लखारा, माली, तेली, निषाद, लूहार, धनगर, नाई, सोनार, चामर, भंगी, खटीक, रैगर, नायक, सुथार, राव, आदि आदि) जातियां बांट रखी है, ताकि ये जाति व्यवस्था से टुकड़ो में ही रहे संगठित नही हो।ओर इनको बाटने वाले का ये कभी विरोध नही कर सके।  इन 6000 से ज्यादा सभी जातियों को संविधान में अनुसूचीयोँ के अनुसार

अनुसूचित जनजाति(ST)
अनुसूचित जाति (SC)
और अन्य पिछड़ी जाति(obc)


ब्राह्मण शास्त्र मनुस्मृति के अनुसार इन सभी शुद्रो तेली ,तम्बोली, भंगी,चामर,जाट, गुर्जर,आदि को ऊपर के तीनों वर्णो की सेवा करने का ही काम रहता था।

▸ शुद्रो को धन रखने का अधिकार नही था।
▸ शुद्रो को अच्छे कपड़े पहनने का अधिकार नहीं था।
▸ शुद्र औरतों को ब्लाउच पहनने का अधिकार नहीं था, शुद्र महिलाओं को भरे बाजार में अपने स्तनों को खुला रखकर चलना पड़ता था।
▸ शुद्रो को ऊपर के तीनों वर्णो के घर के बाहर चप्पल हाथ में लेकर नंगे पांव चलना पड़ता था।
▸ शुद्रो को अच्छा खाने का अधिकार नही था।


ब्राह्मण धर्म (हिन्दू धर्म) और आयुर्वेद के अनुसार बासी खाना और जूठा खाना खाने की मनाही है, लेकिन शुद्रो को बासी ओर जूठा खाना परोसने देने का वर्णन मनुस्मृति में लिखा पड़ा है।

शुद्रो को मंदिरों में जाने की मनाही है। (ब्राह्मण शास्रों) हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यदि शुद्र मंदिर में जाएंगे तो मंदिर अपवित्र हो जाता है। लेकिन वर्तमान में मंदिर के भंडारों में पैसा डालने वाले अधिकांश लोग शुद्र ही है।और पैसा सिर्फ ब्राम्हण लोग ही निकालते है।

शुद्रो को अछूत (जो छूने योग्य नही हो या जिसके छूने से ऊपर के तीनों वर्ण ब्राम्हण, क्षत्रिय, ओर वैश्य अपवित्र हो जाये) का दर्जा दिया इसलिए शुद्र इन तीनो वर्णो से अलग है। अछूत ओर तीनो वर्णो से अलग होने से शुद्रो को हिन्दू नही कह सकते। और संविधान में भी इन शुद्रो को obc, st, sc अनुसूचीयो में डाल हिन्दू नही होने का उल्लेख, आर्टिकल 340 में किया गया।

ब्राम्हणो को डर है कि यदि शुद्रों (obc, sc, st) को संविधान के आर्टिकल 340 ओर शुद्रो के इतिहास का पता चल गया उस दिन से शुद्र हिन्दू नही रहेगा। इसलिए शुद्रो को मुसलमान का डर बताकर हिन्दू बनाये रख obc, sc, st वोट लेने का षड्यंत्र चालू रख रखा है।


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